अयोध्या: मुख्तार अब्बास नकवी के घर में बैठक, इमाम और मौलानाओं संग आरएसएस-बीजेपी नेता भी मौजूद


नई दिल्ली/अयोध्या
अयोध्या पर आने वाले फैसले के मद्देनजर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और बीजेपी ने अपने मुस्लिम नेताओं के जरिए दूसरे पक्ष के साथ बैठकों का आयोजन किया है। इन बैठकों में आरएसएस-बीजेपी के बड़े मुस्लिम नेता अपने समुदाय के मौलाना और शिक्षाविदों से बात करने में जुटे हैं। इनमें जमीयत उलेमा-ए-हिंद के मुखिया मौलाना सैयद अरशद मदनी और शिया मौलाना सैयद कल्बे जव्वाद भी शामिल हैं। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की अध्यक्षता में अयोध्या मामले को लेकर एक बैठक की जा रही है। इसमें मुस्लिम मौलानाओं समेत आरएसएस के कई नेता, बीजेपी नेता शहनवाज हुसैन, फिल्म निर्माता मुजफ्फर अली भी मौजूद हैं।


बता दें कि पिछले हफ्ते ही एक बैठक में इस योजना की रूपरेखा तैयार की गई थी। इस बैठक में आरएसएस के संयुक्त महासचिव कृष्ण गोपाल, बीजेपी के पूर्व आयोजन सचिव राम लाल (अब संगठन के कार्यक्रमों के प्रभारी) और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संरक्षक इंद्रेश कुमार शामिल हुए थे। संघ परिवार ने इस दौरान ऐसे मुस्लिम नेताओं को नियुक्त किया जिनकी मुस्लिम स्कॉलर और संस्थाओं के साथ अगले एक हफ्ते में 20 से अधिक बैठक होनी हैं। 


राम मंदिर आस्था का विषय है'
अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन सैयद गयरूल हसन रिजवी ने बताया, 'एक समुदाय के रूप में मुस्लिमों ने ऐसे कई टर्निंग पॉइंट्स मिस कर दिए जब इस मुद्दे को बातचीत से सुलझाया जा सकता था। यह एक हिंदू बहुल देश है और राम मंदिर आस्था का विषय है। मुस्लिमों को इस मुद्दे को मस्जिद और मंदिर से ऊपर उठकर देखने की जरूरत है।' बीजेपी के राष्ट्रीय अल्पसंख्यक सेल के अध्यक्ष अब्दुल राशिद अंसारी कहते हैं कि इन बैठकों का मुख्य उद्देश्य समुदाय विशेष को यह बताना है कि सोशल मीडिया संदेशों के जरिए किसी को भी उत्तेजित नहीं होने देना है।


मुख्तार अब्बास नकवी के आवास में बैठक
आरएसएस से जुड़े इंद्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र के चीफ एग्जिक्यूटिव अरुण आनंद ने कहा, 'देश का हित इसी में निहित है कि मुस्लिम दारा शिकोह और एपीजे अब्दुल कलाम को अपने रोल मॉडल के रूप में देखें और हमलावरों जैसे बाबर, औरंगजेब और गजनी की विरासत से खुद को दूर रखें।'