बाड़मेर सेक्टर में 13 से 18 नवंबर तक युद्धाभ्यास-40 हजार से ज्यादा सैनिक रात में स्पेशल ऑपरेशन के दौरान पराक्रम दिखाकर दुश्मन को करेंगे पस्त


जोधपुर. भारतीय थल सेना की सबसे ताकतवर 21 स्ट्राइक कोर (सुदर्शन चक्र) रात में स्ट्राइक का अभ्यास करने जा रही हैं। बाड़मेर सेक्टर में 13 नवंबर से युद्धाभ्यास 'सिंधु सुदर्शन' के इस 7वें फेज में पाकिस्तान से सटी सीमा के पास 40 हजार जवान अभ्यास करेंगे। इसमें पहली बार शूटर ग्रिड सेंसर का प्रयोग किया जाएगा। 3 माह से चल रहे इस युद्धाभ्यास के दौरान चंद घंटों में दुश्मन के इलाकों को कब्जा करने का पराक्रम सेना के रण बांकुरे दिखाएंगे। 


स्ट्राइक कोर की पूरी ताकत झोंकी जाएगी, जब लगातार 12 घंटे तक युद्ध लड़ने की क्षमता को मैदान में परखा जाएगा। अब तक पोकरण क्षेत्र के आसपास युद्धाभ्यास में फायर पावर का संयुक्त अभ्यास चल रहा था, अब बाड़मेर सेक्टर में 100 किमी के दायरे में युद्धाभ्यास हाेगा। अब फायर पावर के साथ पैदल सेना भी दुश्मन के इलाके में एयरफोर्स की मदद से घुसेगी। रक्षा प्रवक्ता कर्नल सोम्बित घोष का कहना है कि 13 से 18 नवंबर तक इस युद्धाभ्यास का महत्वपूर्ण फेज शुरू होने जा रहा हैं। इसके लिए सेना की एकीकृत ताकत का अभ्यास किया जाएगा।



100 किमी के काल्पनिक युद्ध क्षेत्र में संयुक्त ऑपरेशन
युद्धाभ्यास के दौरान स्ट्राइक कोर की पूरी ताकत लगी हुई है। इसके लिए 40 हजार से ज्यादा सैनिकों को युद्ध के मैदान में उतारा गया है। टैंक, बख्तरबंद वाहनों के साथ जमीनी लड़ाई जल्दी जीतने के लिए हवाई ताकत का प्रयोग होगा। इसके लिए थल सेना के साथ पश्चिमी क्षेत्र में स्थित जोधपुर सहित सभी एयरबेस से लड़ाकू विमान उड़ेंगे। रण क्षेत्र में टारगेट को धराशायी करेंगे। खास तौर से रात में हेलिबोर्न ऑपरेशन किया जाएगा। इसमें लड़ाकू हेलिकॉप्टर रूद्र के अलावा सुखोई, मिग, जगुआर दुश्मन के महत्वपूर्ण ठिकानों को तबाह करेंगे। करीब 100 किमी के दायरे में काल्पनिक युद्ध का मैदान बनाया गया।



शूटर ग्रिड से टारगेट की तस्वीर मिलते ही फायर करेगी मैकेनाइज्ड फोर्स
 युद्धाभ्यास के दौरान मैकेनाइज्ड फोर्स पहली बार शूटर ग्रिड सेंसर का प्रयोग करने जा रही है। इसके तहत युद्ध क्षेत्र में इजराइली यूएवी हेरोन, हेलिकॉप्टर व सैटेलाइट से टारगेट को ग्रिड की तस्वीरें भेजी जाएगी। इस आधार पर शूटर ग्रिड से जमीन पर मैकेनाइज्ड फोर्स त्वरित हमला करेगी। रात के समय ये ऑपरेशनल किया जाएगा। युद्धाभ्यास में आर्मर्ड, मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री, इन्फैंट्री, आर्टिलरी, आर्मी एयर डिफेंस, आर्मी एविएशन के अटैक हेलिकॉप्टर, वायु सेना के संसाधनों और स्पेशल फोर्स का खास तौर पर प्रदर्शन किया जाएगा। संयुक्त हथियारों का सामंजस्य k-9 वज्र (सेल्फ प्रोपेल्ड आर्टिलरी गन सिस्टम) और स्वदेशी एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर (वेपन सिस्टम इंटीग्रेटेड) 'रुद्र' का खास तौर से प्रयोग किया जा रहा है।