नागरिकता संशोधन विधेयक पर महाराष्ट्र के गृहमंत्री एकनाथ शिंदे का दावा, सीएम करेंगे राज्य के हित में फैसला


मुंबई
संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक के पास होने के बाद राज्यों में लागू करने को लेकर सरकारों के फैसले आने लगे हैं। इस सब के बीच सबकी नजरें महाराष्ट्र की उद्धव सरकार पर टिकी हैं। एक ओर शिवसेना का भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी दल के रूप में इतिहास, तो दूसरी ओर मौजूदा सहयोगी कांग्रेस का साफ रुख है। इस मुद्दे पर राज्य के गृहमंत्री और शिवसेना के सीनियर नेता एकनाथ शिंदे ने कहा है कि उद्धव में क्षमता है और वह राज्य के हित में फैसला करेंगे।


महाराष्ट्र के गृहमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि इस मुद्दे पर शिवसेना पर कोई दबाव नहीं है और कभी दबाव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि उद्धव ठकरे में क्षमता है और वह राज्य के हित में फैसला करेंगे। शिंदे ने कहा कि नागरिकता संशोधन ऐक्ट पर सीएम फैसला करेंगे। उन्होंने कहा कि हर जाति, धर्म और भाषा के लोगों के पास इस राज्य में रहने का अधिकार है। बता दें कि शिवसेना ने लोकसभा में बिल के समर्थन में वोट किया था लेकिन राज्य सभा में वोटिंग के दौरान पार्टी वॉकआउट कर गई थी। 


कांग्रेस साफ कर चुकी है रुख
शिंदे ने कहा, 'सभी को लगना चाहिए कि सरकार उनकी है। हमारी सरकार आजादी का माहौल बनाकर रखेगी और इस बात का ध्यान रखेगी की कानून व्यवस्था बनी रहेगी।' वहीं इससे पहले कांग्रेस के महाराष्ट्र अध्यक्ष बाला साहेब थोराट ने कहा था, 'हम पार्टी नेतृत्व की नीति का पालन करेंगे।' गौरतलब है कि कांग्रेस ने इस बिल का पुरजोर विरोध किया है।


बंगाल, केरल, पंजाब कर चुके हैं इनकार
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल, केरल और पंजाब के बाद अब महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश सरकार ने संकेत दिया है कि वह इस कानून को लागू नहीं करने का फैसला कर सकते हैं। मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ ने कहा, कांग्रेस पार्टी जो भी स्टैंड नागरिकता कानून पर लेगी, हमलोग उसका पालन करेंगे। हम लोग उस प्रक्रिया का हिस्सा नहीं होना चाहते, जिसका बीज भेदभाव हो। उधर, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी कहा है कि इस कानून पर पार्टी नेतृत्व का निर्णय ही उनका भी निर्णय है।