जयपुर. भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ लोगों को मिलेगा या नहीं, इस संकट से एकबारगी भले ही सरकार निकल गई हो लेकिन चिकित्सा विभाग के अधिकारियों की ओर से की गई नई व्यवस्था के बाद आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ आमजन को नहीं मिल पाएगा।
दोनों योजनाओं में फर्क यह है कि भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत जहां केवल तीन लाख रुपए का इलाज मिल रहा है वहीं आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना में पांच लाख रुपए तक का निशुल्क इलाज मिलता। अब जबकि सरकार ने नई बीमा कंपनी को यह काम सौंप दिया है तो आने वाले और कई महीनों में आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ मिलना मुश्किल है।
योजना के लाभ में देरी की ये 3 वजह
पहली चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने मामले की गंभीरता को समझने में देरी की। वे भामाशाह योजना के खत्म होने का इंतजार करते रहे। जब मामला उलटा पड़ा तो भामाशाह योजना को ही बढ़ाना पड़ा।
आमजन का नुकसान तय
भामाशाह योजना का लाभ मरीजों को दिया जा रहा है लेकिन हर परिवार को जहां दिसम्बर से पांच लाख रुपए का लाभ मिलता, उसे अब भामाशाह के तहत तीन लाख रुपए का ही क्लेम मिल रहा है। किसी परिवार के सदस्य के इलाज में तीन लाख रुपए से अधिक लगते हैं तो उसके अपनी जेब से पैसे देने होंगे।
अभी तो पता ही नहीं कितना समय और लगेगा
- राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत दिए जाने वाले लाभ की प्रक्रिया शुरू हो गई है लेकिन इन परिवारों के कार्ड कब तक बन पाएंगे, यह तय ही नहीं है। ऐसे में कहना मुश्किल होगा कि अगले और कई महीनों में भी इस योजना के तहत आमजन को लाभ मिल सकेगा।
- दूसरी सरकार ने आदेश जारी कर दिए लेकिन अमल में देरी की। आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना के बारे में ढाई महीने तक जानकारी नहीं ली और अधिकारियों से भी रिपोर्ट तलब नहीं की।
- तीसरी सरकार के पास पैसे की काफी कमी सामने आ रही है। हालांकि 20 दिसम्बर को योजना के तहत बिड खोली जानी है। इसके बाद ही तय होगा कि कौनसी कंपनी कब से यह काम करेगी।