जानें, देश का बजट बनने की पूरी प्रक्रिया


 




बजट बनाने की प्रक्रिया में वित्त मंत्रालय, नीति आयोग और सरकार के अन्य मंत्रालय शामिल होते हैं। वित्त मंत्रालय हर साल खर्च के आधार पर गाइडलाइन जारी करता है। इसके बाद मंत्रालयों को अपनी-अपनी मांग को बताना होता है। आइए जानते हैं आखिर कैसे बनता है देश का बजट।






लंबे समय से इसकी तैयारी होती है। हजारों लोग दिन-रात एक करके पूरा हिसाब-किताब लगाते हैं। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 के अनुसार, केंद्रीय बजट किसी वर्ष सरकार की अनुमानित आमदनी और खर्च का लेखा-जोखा होता है।






ली जाती है सबकी राय

ली जाती है सबकी राय



आम बजट बनाने की प्रक्रिया में सहभागिता बढ़ाने के लिए वित्त मंत्रालय पिछले कई सालों से नागरिकों से सुझाव मांगता है। वित्त मंत्रालय उद्योग से जुड़े संगठनों और पक्षों से भी सुझाव मांगता है।









कौन बनाता है बजट?



कौन बनाता है बजट?



बजट बनाने की प्रक्रिया में वित्त मंत्रालय, नीति आयोग और सरकार के अन्य मंत्रालय शामिल होते हैं। वित्त मंत्रालय हर साल खर्च के आधार पर गाइडलाइन जारी करता है। इसके बाद मंत्रालयों को अपनी-अपनी मांग को बताना होता है।







इस तरह दिया जाता है अंतिम रूप



इस तरह दिया जाता है अंतिम रूप



बजट के सभी डॉक्युमेंट्स चुनिंदा अधिकारी ही तैयार करते हैं। इस प्रक्रिया में इस्तेमाल होने वाले सभी कंप्यूटर्स को दूसरे नेटवर्क से डीलिंक कर दिया जाता है। बजट पर काम कर रहा लगभग 100 लोगों का स्टाफ करीब 2 से 3 हफ्ते नॉर्थ ब्लॉक ऑफिस में ही रहता है। कुछ दिन उनको बाहर आने की इजाजत नहीं होती।







फिर होता है संसद में पेश





बजट पेश करने की तारीख पर सरकार लोकसभा स्पीकर की सहमति लेती है। इसके बाद लोकसभा सचिवालय के महासचिव राष्ट्रपति से मंजूरी लेते हैं। वित्त मंत्री लोकसभा में बजट पेश करते हैं। बजट पेश करने से ठीक पहले 'समरी फॉर द कैबिनेट' के जरिए बजट के प्रस्तावों पर कैबिनेट को संक्षेप में बताया जाता है। वित्त मंत्री के भाषण के बाद सदन के पटल पर बजट रखा जाता है।