दिल्ली हिंसा पर सियासी घमासान शुरू हो चुका है। पहले कांग्रेस ने दिल्ली हिंसा के लिए गृह मंत्री अमित शाह को दोषी ठहराया और फिर बीजेपी ने पलटवार किया है। बीजेपी ने कांग्रेस को सिख दंगे की याद दिलाते हुए कहा है कि बालाकोट हमले के वक्त भी इस पार्टी ने यही किया था। जिस राजनीति की शुरुआत कांग्रेस ने की है, अब उसमें भाजपा के तमाम नेता भी कूद पड़े हैं। कांग्रेस की ईंट का जवाब पत्थर से देने के लिए भाजपा के नेता एक के बाद एक अपने बयान दे रहे हैं।
हिंसा का राजनीतिकरण कर रही कांग्रेस: जावड़ेकर केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का बयान दुर्भाग्यपूर्ण और आलोचना के लायक है। जिस समय में हर पार्टी को एकजुट होकर दिल्ली में शांति लाने के बारे में कदम उठाने चाहिए, उस समय कांग्रेस की ओर से सरकार पर ऐसे आरोप लगाना गंदी राजनीति है। हिंसा का राजनीतिकरण करना बिल्कुल गलत है। बालाकोट एयर स्ट्राइक के दौरान भी कांग्रेस ने ऐसे ही सवाल उठाए थे। उन्होंने पूछा कि अमित शाह कहां थे। उन्होंने कल सभी पार्टियों के साथ एक बैठक की, जिसमें कांग्रेस नेता भी मौजूद थे। गृह मंत्री ने पुलिस को जरूरी दिशा-निर्देश दिए और पुलिस संख्या भी बढ़ाई। कांग्रेस का बयान पुलिस के मनोबल को तोड़ने वाला है। जावड़ेकर बोले कि सबका काम है कि हिंसा पूरी तरह से रुके और शांति स्थापित हो। चर्चा के लिए संसद का सत्र है। चर्चा कर सकते हैं। जिनके हाथ सिखों के नरसंहार से रंगे हों, वह अब यहां हिंसा को रोकने की सफलता और असफलता की बात करते हैं। उस समय हिंसा का समर्थन किया था। कांग्रेस पीएम ने तो यहां तक कहा था कि जब बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है। ऐसी पार्टी सरकार से जवाब पूछने के लिए आती है तो आश्चर्य होता है। एक दूसरे पर दोषारोपण करने का काम जो कांग्रेस ने किया है उसकी हम निंदा करते हैं। भर्त्सना करते हैं।
रविशंकर प्रसाद ने भी किया पलटवार
दिल्ली हिंसा पर कांग्रेस के बयान का जवाब देते हुए रविशंकर प्रसाद बोले कि तनाव पर कांग्रेस राजनीति कर रही है। कांग्रेस विपक्ष में नहीं है। परिवार के सामने उसे कुछ दिखाई नहीं देता है। राहुल गांधी को दूसरी लाइन में बैठा दिया गया था तो कांग्रेस ने बवाल मचाया, लेकिन भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष को यूपीए सरकार ने आठवीं लाइन में बैठाया था। इनके सामने देशहित भी छोटा होता है। कांग्रेस ऐसी सस्ती और हल्की राजनीति बंद करें।