जयपुर. बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार के सभी कलेक्टर और एसपी को बजरी खनन पर रोक लगाने के आदेश दिए। सुप्रीम कोर्ट ने 4 हफ्ते के अंदर राजस्थान सरकार से कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है। मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने ये निर्देश दिए। जिसमें न्यायमूर्ति बी आर गवई और सूर्य कांत भी शामिल थे। गौरतलब है कि अवैध खनन मामले में नवीन शर्मा ने कंटेंप्ट पिटिशन फाइल की थी।
मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने राज्य सरकार, कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को अवैध रेत खनन पर रोक के लिए तत्काल कदम उठाने को कहा। न्यायालय ने चार सप्ताह के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट सौंपने का भी राज्य सरकार को निर्देश दिया। इस दौरान मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे ने कहा कि अवैध रेत खनन से "पर्यावरण को अपूरणीय क्षति" होने की संभावना है। बता दें कि न्यायालय राजस्थान में अवैध रेत खनन को लेकर कई याचिकाओं की संयुक्त सुनवाई कर रहा है।
अदालत ने केंद्रीय उच्चाधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) को राजस्थान में अवैध रेत खनन मामले की जांच करने का निर्देश दिया और छह सप्ताह के अंदर अपने सुझावों के साथ रिपोर्ट पेश करने को कहा। बैंच ने कहा कि सीईसी रेत व्यापारियों, ट्रांसपोर्टरों और अन्य हितधारकों के सामने आने वाली समस्या पर भी विचार करेगी। उन्हे यह अधिकार होगा कि जांच कराने के उद्देश्य से सरकारी अधिकारियों सहित किसी भी व्यक्ति को समन भेजा जाए।