कांग्रेस का सीधा आरोप, मोदी सरकार ने बैंक डिफॉल्टर्स का 68,607 करोड़ रुपये माफ किया


नई दिल्ली
कांग्रेस ने मंगलवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से मिले आरटीआई के जवाब का हवाला देते हुए मोदी सरकार पर नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और विजय माल्या समेत 50 शीर्ष बैंक लोन डिफॉल्टर्स के 68,607 करोड़ रुपये माफ करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने 2014 से सितंबर 2019 तक 6.66 लाख करोड़ रुपये के कर्ज माफ किए।कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने संसद में देश के शीर्ष 50 बैंक ऋण बकाएदारों के नाम पूछे थे, लेकिन वित्त मंत्री ने जवाब नहीं दिया। अब, आरबीआई ने वह सूची दी है जिसमें नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और भाजपा के कई दोस्त शामिल हैं। राहुल ने कहा , मैंने संसद में सीधा सवाल पूछा- देश के 50 शीर्ष बैंक ऋण बकाएदारों के नाम बताएं। वित्त मंत्री ने इस सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया। गांधी ने मंंगलवार को एक ट्वीट में कहा, अब आरबीआई ने नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और बीजेपी के कई 'दोस्तों' का बैंक धोखाधड़ी की सूची में नाम दिया है। यही कारण है कि यह सच संसद से वापस ले लिया गया था।


पुजारियों का हत्या पर राजनीति न हो
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सरकार से कहा है कि बुलंदशहर में हुई दो पुजारियों की हत्या पर महाराष्ट्र पालघर की घटना की तरह राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा, भाजपा पालघर में दो पुजारियों की हत्या को राजनीतिक मोड़ देने की कोशिश कर रही थी। हम मांग करते हैं कि बुलंदशहर में पुजारियों की हत्या पर कोई राजनीति न हो। सुरजेवाला ने कहा, उम्मीद है कि यूपी सरकार और भाजपा देश को बताएगी कि हत्याओं के लिए कौन जिम्मेदार है और अब तक कितने लोग गिरफ्तार किए गए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आगे आना चाहिए और बताना चाहिए कि बुलंदशहर में हुई इन हत्याओं के लिए कौन जिम्मेदार है।


लॉकडाउन की स्पष्ट निकास रणनीति बनाएं सरकार
कांग्रेस ने मंगलवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से 3 मई के बाद कोरोना वायरस व लॉकडाउन के लिए एक स्पष्ट निकास रणनीति(clear exit strategy) बनाने के लिए कहा है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री से इन संकटों में राष्ट्र का नेतृत्व करने की उम्मीद है। हम एक बार फिर प्रधान मंत्री से अपील करते हैं कि लॉकडाउन के लिए एक स्पष्ट निकास रणनीति के बारे में देश को बताएं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्रियों ने प्रधान मंत्री से राष्ट्र को यह बताने का अनुरोध किया कि लॉकडाउन से बाहर निकलने की रणनीति क्या है। सरकार को बताना चाहिए कि पोस्ट लॉकडाउन अवधि के संदर्भ में स्वास्थ्य के मोर्चे और आर्थिक मोर्चे पर सरकार की रणनीति क्या है। 3 मई के बाद भविष्य के पाठ्यक्रम का रोडमैप क्या होगा।