सिटी ग्रांट्स कमिशन या यूजीसी ने एक लिस्ट जारी की है। यह लिस्ट उन स्कीमों की है जिसके लिए यूजीसी की फंडिंग सितंबर तक जारी रहेगी। उन स्कीमों में कई फेलोशिप और स्कॉलरशिप शामिल हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, आयोग के एक अधिकारी ने बताया है कि 30 सितंबर तक इन योजनाओं को कोविड-19 महामारी फैलने के मद्देनजर जारी रखा गया है।
जो स्कीम आगे सितंबर तक जारी रहेगी, उनमें फैकल्टी को दिया जाने वाला यूजीसी का रिसर्च अवॉर्ड, पोस्ट डॉक्टोरल रिसर्चर को दी जाने वाली फेलोशिप, डॉक्टोरेट कर रहे छात्रों को दी जाने वाली फेलोशिप, पोस्ट ग्रैजुएट छात्रों के लिए स्कॉलरशिप, अल्पसंख्यक छात्रों के लिए मौलाना आजाद नैशनल फेलोशिप, राष्ट्रीय दिव्यांग छात्र फेलोशिप, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति फेलोशिप और राष्ट्रीय अन्य पिछड़ा वर्ग फेलोशिप शामिल हैं।
इनके अलावा अन्य योजनाओं जैसे मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्सेज (एमओओसी), नैशनल स्किल्स क्वॉलिफिकेशन फ्रेमवर्क, स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत अभियान और कंसॉर्टियम फॉर ऐकडेमिक एंड रीसर्च एथिक्स (केयर) शामिल हैं।
साहित्य चोरी को लेकर चेतावनी
रिसर्च के मामले में भारत की स्थिति बेहतर बनाने के लिए यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन ने एक और सर्कुलर जारी किया है। इस बार आयोग ने खुद के कॉन्टेंट के दोबारा इस्तेमाल को भी लेकर चेताया है। जैसे आप पहले जो रिसर्च पेपर जमा कर चुके हैं, उसमें से भी लेकर नए रिसर्च पेपर में कुछ जोड़ नहीं सकते हैं। इसको भी साहित्यिक चोरी माना जाएगा। पहले भी मानव संसाधन विकास मंत्रालय और यूजीसी ने कई गाइडलाइंस जारी की हैं जिनमें रिसर्च से संबंधित साहित्यिक चोरी को लेकर चेताया गया है।
हालिया नोटिस में यूजीसी ने कहा है, 'अपने पहले प्रकाशित हो चुके पेपर में से थोड़ा या पूरा मैटर इस्तेमाल करके अगर इसे अपना नया और असल पेपर कहकर जमा करेंगे तो वह स्वीकार्य नहीं होगा।'