ऐसा लग रहा है कि बैंकों में लोगों का पैसा अब सुरक्षित नहीं रहा। पंजाब ऐंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक के बंद होने के बाद अब एक और बैंक CKP Co-operative Bank बंद हो गया है। RBI ने इस बैंक का लाइसेंस रद्द कर इसके कामकाज करने पर रोक लगा दी है।
क्यों उठाया यह कदम
सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द करने का कारण बताते हुए आरबीआई ने कहा,' इस बैंक की वित्तीय हालत बेहद खराब है। इस बैंक का किसी अन्य बैंक के साथ विलय का अभी तक कोई ठोस प्लान सामने नहीं आया है। प्रबंधन ने बैंक की हालत पटरी पर लाने के प्रति कोई विश्वसनीय प्रतिबद्धता नहीं जताई है।'
जमाकर्ता को मिलेंगे अधिकतम 5 लाख
बैंक का लाइसेंस रद्द करने और इसकी संपत्तियों को बेचने की घोषणा करने के साथ ही DICGC ऐक्ट, 1961 के मुताबिक, सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के जमाकर्ताओं को उनका पैसा लौटाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। प्रत्येक जमाकर्ता को डिपॉजिट इंश्योरेंस तथा क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGC) के नियमों के मुताबिक, अधिकतम 5 लाख रुपये की रकम अदा की जाएगी।
बैंक प्रबंधन ने ग्राहकों से किया धोखा
आरबीआई ने कहा, 'बैंक की गतिविधियां सार्वजनिक हितों तथा जमाकर्ताओं के हितों के प्रतिकूल रही हैं और मैनेजमेंट का कामकाज भी सार्वजनिक हितों तथा जमाकर्ताओं के हितों के प्रति नुकसानदेह रहा है।'
वित्तीय हालत बेहद बदतर
केंद्रीय बैंक ने कहा कि बैंक की वित्तीय हालत बेहद बदतर हो गई है और इसका चल पाना मुश्किल है। इस बैंक का किसी और बैंक के साथ विलय का कोई ठोस प्लान नहीं दिया गया। बैंक को पटरी पर लाने के लिए कोई विश्वसनीय प्रतिबद्धता भी नहीं जताई गई है।
इसलिए लाइसेंस किया रद्द
आरबीआई ने कहा कि बैंक को पटरी पर लाने का प्रयास जितना होना चाहिए, उसके आसपास भी नहीं है, जबकि बैंक को काफी वक्त और मौका दिया गया। बैंक से विलय का कोई भी प्रस्ताव सामने नहीं आया है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि इसलिए अगर बैंक को आगे भी कामकाज चालू रखने की मंजूरी दी जाती तो इसके ग्राहकों के हितों को और नुकसान होता। अगर बैंक बंद होता है तो डीआईसीजीसी के मुताबिक इसके प्रत्येक ग्राहक को अधिकतम 5 लाख रुपये मिलेगा।