एमपी- कांग्रेस के साथ नहीं जाएंगी मायावती, 24 सीटों पर उतारेंगी उम्मीदवार


भोपाल
एमपी उपचुनाव से पहले सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। 24 सीटों पर उपचुनाव से पहले खींचतान जारी है। बसपा के एमपी में अभी 2 विधायक हैं। वहीं, उपचुनाव से पहले बीएसपी ने साफ कर दिया है कि, वह किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं करेंगी। 24 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में सभी सीटों पर अपना उम्मीदवार उतारेगी और किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं करेगी।


एमपी बीएसपी अध्यक्ष रमाकांत पिप्पल ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि बीएसपी सुप्रीमो मायावती के आदेशानुसार एमपी में होने वाले आगामी विधानसभा उपचुनाव में बीएसपी सभी 24 सीटों पर अकेले अपने बलबूते पर चुनाव लड़ेगी और किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं करेगी।


ग्वालियर-चंबल में दमखम के साथ लड़ेंगे
उन्होंने कहा कि इन 24 सीटों में से हम ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की 16 सीटों पर पूरे दमखम से लड़ेंगे। इस संभाग की मुरैना, भिंड, ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी और अशोकनगर जिलों की करीब 13 सीटों पर पहले हमारे विधायक रह चुके हैं। पिप्पल ने बताया कि बाकी 8 सीटों पर भी हमारे प्रत्याशी खड़े होंगे और उन सीटों पर पार्टी की स्थिति को बेहतर करेंगे।


बीएसपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उपचुनाव के लिए हमारी तैयारी जमीनी स्तर पर चल रही है। हालांकि, कोरोना वायरस की महामारी को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के चलते हमारी तैयारी थोड़ी धीमी हुई है। पिप्पल ने कहा कि किसानों की कर्जमाफी एवं बेरोजगारी हमारे प्रमुख मुद्दे होंगे। इसके अलावा, हम अनूसूचित जाति एवं अनुसूचित जाति के मुद्दों भी उठाएंगे।


उन्होंने कहा कि अगले सप्ताह में दावेदारी आवेदन फॉर्म लिए जाएंगे। उसके बाद पैनल सूची मायावती को भेजी जाएगी। पिप्पल ने बताया कि बसपा के सभी कार्यकर्ता दिन-रात संगठन को मजबूत करने में लगे हुए हैं और पूरी तैयारी से चुनावी मैदान में उतरेगी।


ये है विधानसभा में स्थिति
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश विधानसभा की कुल 230 सीटों में से भाजपा के 107 विधायक हैं जबकि कांग्रेस के 22 विधायकों के त्यागपत्र देने के बाद उसकी संख्या घटकर 92 पर आ गई है। इनके अलावा 4 निर्दलीय हैं, जबकि 2 बसपा एवं 1 सपा के पास है। वर्तमान में विधानसभा की 24 सीटें रिक्त हैं, जिनमें से 22 कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे से खाली हुए हैं, जबकि 2 सीटें भाजपा एवं कांग्रेस विधायक के निधन के बाद खाली हुई हैं। 
कांग्रेस सरकार को समर्थन
बीएसपी के 2 विधायक पूर्व में तत्कालीन कांग्रेस की सरकार के साथ थे। दमोह के पथरिया से बीएसपी विधायक रामबाई तो मंत्री पद की दावेदार थी। लोकसभा चुनाव के दौरान एक बीएसपी उम्मीदवार को तोड़ने पर मायावती कांग्रेस पर भन्ना गई थी। और समर्थन वापसी की धमकी दी थी।