जयपुर,
जीवन की पहली सांस, पहला स्पर्श और पहला आहार माँ से ही प्राप्त होता है। इसीलिए समाज में माँ का स्थान ईश्वर से भी उच्चतर है। मां ईश्वर की रचना है जिसके लिए कोई मोल नहीं है। मां जब एक बच्चे को जन्म देती है तो उसके मन में कभी भी स्त्री या पुरुष का भेद नहीं आता वह केवल एक स्वस्थ बच्चे की कामना कर बच्चे को जन्म देती है स्वस्थ बच्चे का जन्म तभी हो सकता है जब मां स्वस्थ रहेगी मां के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए ही राजस्थान सरकार ने दूसरी संतान के जन्म पर इंदिरा गांधी मात्र पोषण योजना की ऎतिहासिक सौगात देकर एक नई पहल शुरू की है।
माँ के बेहतर स्वास्थ्य के लिए समर्पित है “प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना”, एवं राज्य सरकार की इंदिरा गांधी मातृ पोषण योजना। राज्य सरकार की यह योजना केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की पूरक होगी जिसमे मां के बेहतर स्वास्थ्य एवं दूसरी संतान के जन्म के लिए 6 हजार रुपये की राशि दी जाएगी। यह दोनों योजनाएं महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, राजस्थान सरकार द्वारा संचालित की जा रही है। माओं को पर्याप्त राहत और पोषण के लिए इस योजना में 5 वर्ष में लगभग 3 दशमलव 75लाख लाभार्थियों पर 225 करोड रुपए व्यय किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बजट घोषणा वर्ष 2020- 21 के अनुसार राज्य के पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 4 जिले उदयपुर ,डूंगरपुर, बांसवाड़ा प्रतापगढ़ जहां पोषण के संकेतक राजस्थान के औसत की तुलना में कम है उन पर विशेष ध्यान दिया गया है पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत प्रति वर्ष 75हजार लाभार्थियों को शामिल कर लगभग 45 करोड रूपये का व्यय किया जाएगा। जिसमें 100ः अंशदान राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा ।
दूसरी संतान के जन्म पर 6 हजार रुपये दिए जाएंगे यह राशि माता के खाते में अलग-अलग चरणों में निर्धारित शतेर्ं पूर्ण करने पर दी जाएगी जिससे वहअपनी और बच्चे के स्वास्थ्य की बेहतर देखभाल करने में समर्थ होगी। हर मां रहे स्वस्थ-सुरक्षित,जच्चा बच्चा के साथ राज्य सरकार का हाथ।