इंसानों की पेशाब से चांद पर तैयार होगी कंक्रीट!


बर्लिन
अब तक आपने शायद चांद की चट्टानों के हिस्सों के पृथ्वी पर आने के बारे में सुना होगा। अब पृथ्वी से कुछ ऐसा चांद पर ले जाया जा सकेगा जिससे असंख्य पत्थर बनाए जा सकेंगे। दरअसल, यूरोपीय स्पेस एजेंसी ने दावा किया है कि इंसानों की Urine (पेशाब) से कंक्रीट बनाया जा सकेगा। अब वैज्ञानिक भविष्य में इसके इस्तेमाल की उम्मीद कर रहे हैं। संभव है कि इस कंक्रीट का इस्तेमाल बाद में चांद पर भी किया जा सकेगा।
चांद पर कंक्रीट


स्पेस एजेंसी ने शुक्रवार को कहा कि चंद्रमा पर कंक्रीट बनने में इंसानों की Urine एक दिन उपयोगी साबित हो सकता है। एजेंसी ने कहा कि रीसर्चर्स ने हाल में एक अध्ययन में पाया कि Urine में पाए जाने वाले प्रमुख पार्ट यूरिया से 'चंद्र कंक्रीट' का मिश्रण बनाया जा सकता है। इसके बाद इसे अंतिम रूप से मजबूत कंक्रीट में तब्दील किया जा सकता है।
ऐसे मदद करती है Urine


दरअसल, कंक्रीट बनाने के लिए जरूरी मिट्टी चांद पर उपलब्ध है। यूरिया हाइड्रोजन बॉन्ड्स को तोड़ सकती है और फ्लूइड मिश्रण के चिपचिपेपन को कम किया जा सकता है। इससे कंक्रीट बनाने में पानी की जरूरत कम हो जाती है। एजेंसी के बयान के मुताबिक Urine के रूप में 1.5 लीटर वेस्ट से यह काम आसान हो जाएगा।
भविष्य में किया जा सकता है इस्तेमाल


एजेंसी के मुताबिक इसके लिए चांद पर उपलब्ध कंक्रीट का इस्तेमाल करने से धरती से आपूर्ति भेजने की आवश्यकता कम होगी। धरती पर यूरिया को औद्योगिक उर्वरक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। अध्ययन के सह-लेखक मार्लीस एर्नहोफ ने एक बयान में कहा, 'उम्मीद है कि अंतरिक्ष यात्रियों के Urine को भविष्य में चांद पर बहुत थोड़ा बदलाव के साथ इस्तेमाल किया जा सकता है।'