राजसमंद/देवगढ़. जिले के भीम उपखंड में मंदिर के संत ने साेमवार काे आश्रम स्थित पीपल के पेड़ पर फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। इससे पहले संत ने वीडियाे वायरल कर खुद पर लगे दुष्कर्म के आराेप काे झूठा बताया। उन्होंने एक दंपती और महिला आयोग की सदस्या पर रुपए वसूलने का आराेप लगाया। संत पर 20 मई काे दिवेर थाने में नशीला पेय पिलाकर दुष्कर्म करने का आराेप लगा था।
थानाधिकारी लक्ष्मण सिंह चुंडावत ने बताया कि प्रेमदास (50) ने पीपल के पेड़ पर फंदे पर लटक आत्महत्या कर ली। संत पर एक महिला ने 21 मई को दुष्कर्म का केस दर्ज करवाया था। पुलिस संत की तलाश में थी। फिलहाल, संत के शव काे देवगढ़ अस्पताल की माेर्चरी में रखवाया गया। ग्वालियर स्थित परिजना काे सूचना देकर बुलाया गया है।
पेट दर्द की समस्या लेकर पहुंचा था दंपती, बाद में रेप का आरोप लगाया
गुणिया निवासी एक दंपती 20 अप्रैल काे संत प्रेमदास के आश्रम पर पेट दर्द की समस्या लेकर पहुंचा था। उसके एक माह बाद पति ने फिर से संत के पास जाने काे कहा। महिला ने वहां से लाैटकर बताया कि उसके साथ दुष्कर्म किया गया। दंपती ने 20 मई काे एसपी ऑफिस में शिकायत की। इसके बाद 21 मई काे दिवेर थाने में संत प्रेमदास के खिलाफ पॉक्साे एक्ट में केस दर्ज किया गया। जांच के लिए पुलिस आश्रम पहुंची ताे संत नहीं मिला। इस दौरान आश्रम पर रहने वाले छगनलाल सुथार काे संत के आने पर पुलिस काे सूचना देने के लिए कहा गया। साेमवार सुबह छगनलाल आश्रम गया ताे संत काे पेड़ पर लटका देखकर ग्रामीणाें काे सूचना दी। छगनलाल ने बताया कि रविवार रात आश्रम से गया ताे संत नहीं थे।
बेगुनाह बताकर वीडियाे वायरल किया
संत ने आत्महत्या से पहले एसपी के नाम एक वीडियाे बनाकर वायरल किया। इसमें दंपती समेत महिला आयाेग की सदस्या पर 15 लाख रुपए वसूलने का आराेप लगाया। रुपए नहीं होने पर आत्म-सम्मान और संत सम्मान काे बचाने के लिए आत्महत्या करने का कदम उठाया।
निष्पक्ष जांच कर दाेषियाें काे दिलवाएंगे सजा
पुलिस अधीक्षक भुवन भूषण यादव ने कहा कि संत ने फंदे पर लटककर आत्महत्या की। वीडियाे वायरल किया गया। इसकी सत्यता जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।