वायरस को लेकर समय-समय पर विशेषज्ञ नए खुलासे कर रहे हैं। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन WHO ने वायरस को लेकर कहा है कि ऐसा हो सकता है की HIV की ही तरह कोरोनावायरस भी न जाए यानी कि ऐसा संभव है कि इसका कोई इलाज ही न मिले। डॉक्टर माइकल रयान ने यह चेतावनी दी है कि Covid 19 एंडेमिक बन सकता है यानी कि हो सकता है कि यह वायरस यहीं रहे। यह भी कहा कि बिना वैक्सीन के ऐसा संभव है कि दुनिया भर में लोगों को इम्युनिटी बढ़ने में कई साल लग जाएं। यह वायरस हमारे समाज में HIV की तरह एक और एंडेमिक बन सकता है।
HIV के लिए भी कई ट्रीटमेंट आ गए हैं, लेकिन फिर भी इसे खत्म करने के लिए अभी तक कोई दवाई नहीं बन पाई है। WHO ने यह बयान तब दिया है जब कई देश इस वायरस से लड़ने की तैयारी में लगे हैं और अपने-अपने देशों में लॉकडाउन को खत्म करने के प्रयास में लगे हैं। बता दें, दुनिया भर में कोरोना के नए क्लस्टर भी आए हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि अधिकतर देश अर्थव्यवस्था को फिर से खोलने और इन्फेक्शन के एक बार फिर बड़ी तादात में आने से रोकने के बीच संतुलन बनाने में मुश्किल आ रही है।
डोज बनाकर दुनियाभर में बांटना भी एक मुश्किल
डॉक्टर रयान ने यह भी कहा है कि अगर कोरोनावायरस की वैक्सीन बन भी जाती है तो विश्व डोज बनाना भी काफी मुश्किल होने वाला है। उन्होंने कहा की इस वायरस से सम्बंधित हर एक कदम चुनौतियों से भरा हुआ है। वहीं , मारिया वैन, WHO की टेक्निकल लीड ने कहा कि Covid-19 वायरस को चिकित्सीय हस्तक्षेप के बिना भी रोका जा सकता था। यूनाइटेड स्टेट्स में डॉक्टर अन्थोनी ने यह चेतावनी दी है कोरोना के दौरान अगर समय से पहले सब कुछ खोल दिया गया तो अर्थव्यवस्था को नुकसान के साथ-साथ Covid से कई मौतें भी सकती हैं। WHO के बड़े अधिकारी ने एक बयान में यह कहा कि ऐसा संभव है कि कोरोना दुनिया से कभी भी न जाए। इसी के साथ यह भी कहा गया है कि देशों को अर्थव्यवस्था खोलने से पहले यह सोच लेना चाहिए कि इस वायरस की एक और बड़ी लहर कई जानें लेकर जा सकती है।
Coronavirus से बचाव
Coronavirus से बचाव के लिए जब तक कोई दवा न आ जाए तब तक आप कुछ बातें ध्यान में रखकर इससे अपना बचाव तो कर ही सकते हैं| Coronavirus से बचाव तभी संभव है जब किसी तरह का एंटी-डोट या वेक्सीन आ जाए। अब यह दोनों ही मामले फिलहाल नहीं हैं तो हम इससे बचने के लिए क्या कर सकते हैं? हाथ बार-बार धोना, मास्क लगा कर ही बहार निकलना, सोशल-डिस्टैन्सिंग का ख्याल रखना और सबसे जरूरी बात अपनी इम्युनिटी स्ट्रांग करना यानी कि शरीर की रोग से लड़ने की क्षमता को मजबूत बनाकर भी इस बीमारी से लड़ा जा सकता है।
आयुष मंत्रालय से लेकर सरकार सोशल-डिस्टैन्सिंग के अलावा इम्युनिटी बढ़ाने पर काफी जोर दे रही है। सरकार ने इम्युनिटी बढ़ाने के लिए कई आयुर्वेदिक और होम्योपैथी के उपाय बताए हैं। अगर अब तक आपने ये उपाय करने शुरू नहीं किए तो अब शुरू कर दें। ऐसी की एक होम्योपैथी दवाई पिछले कुछ समय से काफी वायरल हो रही है। इस दवाई को लेकर काफी लोगों ने ट्विटर पर सरकार की आलोचना भी की है। इस दवाई का नाम है-Arsenicum album 30.
क्या कहना है डॉक्टर्स का?
डॉक्टर ममता व्यास (होमियो हर्बल क्लिनिक) के अनुसार, Arsenicum album 30 को बुखार, गला खराब, सांस लेने में परेशानी, कफ, एंग्जायटी जैसी कई बीमारियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। आयुष मंत्रालय ने इसे कुछ समय पहले कोरोनावायरस से बचने की दवाई बताया था। होम्योपैथी पूरी तरह से बीमारी के लक्षणों पर काम करती है। होमियोपैथी रोगी का इलाज करती है बीमारी का नहीं। इसका मतलब यह है की होम्योपैथी में यह माना जाता है की हर रोगी के अलग लक्षण होते हैं और हर रोगी का इलाज भी अलग होता है। हर इंसान का शरीर एक ही दवाई पर अलग-अलग तरह से काम कर सकता है। हर रोगी में एक बीमारी होने पर भी अलग-अलग लक्षण हो सकते हैं।
Arsenicum album 30 कोरोना के रोगी का इलाज नहीं करती, बल्कि इसे इम्युनिटी बूस्ट करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर आपका इम्युनिटी सिस्टम मजबूत होगा तो आपको जल्द रोग लगने की संभावना कम होगी और रोग लगने पर भी शरीर में उससे लड़ने की क्षमता अधिक होगी। इस बात का भी ध्यान रहे कि होमियोपैथी की दवाई हमेशा कम मात्रा में दी जाती है। इसे अधिक मात्रा में लेना काफी हानिकारक सिद्ध हो सकता है