डीजीसीए ने एयरलाइन कंपनियों से कहा- मिडिल सीटें खाली रखें, ऐसा संभव नहीं हो तो बीच में बैठने वाले यात्री को प्रोटेक्टिव गाउन दें


नई दिल्ली. डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने एयरलाइन कंपनियों को मिडिल सीट खाली रखने के निर्देश दिए हैं। अगर पैसेंजर लोड की वजह से ऐसा करना मुमकिन न हो तो बीच वाले यात्री को प्रोटेक्टिव गाउन जैसे एक्स्ट्रा इक्विपमेंट देने होंगे। नए निर्देश 3 जून से लागू करने होंगे।


डीजीसीए ने कहा है कि सभी यात्रियों को थ्री-लेयर सर्जिकल मास्क, फेस शील्ड और सैनिटाइजर दिया जाए। लेकिन फ्लाइट के अंदर खाना और पानी नहीं दिया जाए, बहुत ज्यादा जरूरी हो तो बीमार यात्रियों को यह सुविधा दे सकते हैं।


डीजीसीए के निर्देश


    सभी यात्रियों को सुरक्षा के लिहाज से सेफ्टी किट दी जाएगी। इसमें थ्री शील्ड का सर्जिकल मास्क, फेस शील्ड और सैनिटाइजर होगा।
    एयरलाइन मिडिल सीट को अलॉट कर सकती है, लेकिन पैसेंजरों की संख्या बढ़ने पर मिडिल सीट खाली छोड़नी होगी। एक ही परिवार के लोग साथ बैठ सकते हैं।
    अगर मिडिल सीट पर पैसेंजर बैठता है तो उसे एक्स्ट्रा सेफ्टी कवर या रैप अराउंड गाउन पहनना होगा। 
    विमान में खाने-पीने की चीजें नहीं दी जाएंगी। 
    फ्लाइट में जाते समय और बाहर निकलते समय सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखना होगा। 
    एसी को सिस्टमैटिक तरीके से सेट करना होगा ताकि संक्रमण का फैलाव न हो। 
    हर यात्रा के बाद फ्लाइट को पूरी तरह से सैनिटाइज करना होगा। 
    सारे क्रू मेंबर्स की नियमित मेडिकल जांच होगी। 
    अगर कोई संदिग्ध मामला सामने आता है तो तुरंत उस सीट के आस-पास की सीटों और लोगों को डिसइंफेटिंग करना  होगा।
    सभी एयर लाइन कंपनियों और एयरपोर्ट अथॉरिटी में डिसइंफेक्शन टनल रखना होगा। यात्री के आने और जाने से पहले उसे डिइंफेटिंग करना होगा। 


मिडिल सीट बुकिंग पर कल बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई


बॉम्बे हाईकोर्ट ने पिछले दिनों कहा था कि वंदे भारत मिशन के तहत विदेशों से आ रही उड़ानों में बीच की सीट खाली रखी जाए। एयर इंडिया और सरकार ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने 25 मई को कहा था कि सिर्फ 6 जून तक मिडिल सीट बुक करने की परमिशन होगी। उसके बाद बॉम्बे हाईकोर्ट का आदेश मानना पड़ेगा। इस बीच डीजीसीए चाहे तो नियमों में बदलाव कर सकता है।


मिडिल सीट बुकिंग के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट मंगलवार को फिर सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट से कहा था कि सभी पक्षों की राय सुनकर अंतरिम आदेश जारी किया जाए। हालांकि, ये मामला इंटरनेशनल फ्लाइट से जुड़ा था। सवाल ये भी था कि घरेलू उड़ानों में क्या नियम लागू होगा, क्योंकि सरकार ने घरेलू उड़ानों में मिडिल सीट बुक करने की इजाजत दी थी।