जयपुर में फुटपाथ पर मटके बेचने वाले ने बताया कि लॉकडाउन के बीच मौसम की मार रही
नई दिल्ली. देश में कोरोना मरीजों की संख्या 2 लाख 37 हजार 754 हो गई है। ये आंकड़े Covid19india.org और राज्य सरकारों से मिली जानकारी के अनुसार हैं। उधर, केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी शनिवार को कोरोना के आंकड़े जारी किए। इसके मुताबिक, पिछले 24 घंटों में 9887 केस सामने आए। वहीं, 294 लोगों की मौत हुई। इस दौरान देश में संक्रमितों की संख्या 2 लाख 36 हजार 657 हो गई। एक लाख 14 हजार 073 स्वस्थ हो चुके हैं। वहीं, 6642 लोगों की जान चली गई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में 1 लाख 15 हजार 942 एक्टिव केस हैं। इनमें से महाराष्ट्र, दिल्ली और तमिलनाडु में कोरोना के 70235 सक्रिय मामले हैं, जो कि कुल सक्रिय मामलों का 60.57% है।
उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश में शनिवार सुबह जारी रिपोर्ट के मुताबिक, 24 घंटे में कोविड-19 के 502 नए मामले सामने आए हैं। यह एक दिन में यूपी में मिले संक्रमितों की अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। इसके बाद राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 9733 हो गई है।
महाराष्ट्र: महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटे में पुलिसकर्मियों के संक्रमित होने का कोई नया मामला सामने नहीं आया है। हालांकि, दो पुलिसकर्मियों की संक्रमण से जान चली गई। महाराष्ट्र पुलिस के मुताबिक, राज्य में कुल संक्रमित पुलिसकर्मियों की संख्या 2,561 तक पहुंच गई है। अब तक 33 जवानों की मौत हो चुकी है।
राजस्थान: राजस्थान में शनिवार को 44 नए कोरोना पॉजिटिव मिले। इनमें पाली में 14, चूरू में 10, जयपुर में 9, कोटा में 3, बीकानेर, दौसा, धौलपुर, जोधपुर, चित्तौड़गढ़, बारां, भीलवाड़ा और दूसरे राज्यों से आए 1-1 व्यक्ति संक्रमित मिले। जिसके बाद राज्य में कुल पॉजिटिव की संख्या 10128 पहुंच गई। कोटा में एक व्यक्ति ने दम तोड़ दिया है। राज्य में इस बीमारी से मरने वालों का आंकड़ा 219 हो गया है।
बिहार: प्रदेश बिहार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि शनिवार को राज्य में 147 पॉजिटिव केस मिले। इसके साथ कुल संक्रमितों की संख्या 4936 हो गई है। शुक्रवार को 146 नए मरीज मिले और एक की मौत हुई थी। अब तक 88313 सैंपल की जांच हो चुकी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक प्रमुख विशेषज्ञ ने भारत को चेतावनी देते हुए कहा है कि लॉकडाउन हटने से भारत में कोरोना वायरस के मामलों में उछाल देखने को मिल सकता है। उन्होंने कहा कि हालांकि, भारत में कोरोना वायरस महामारी को लेकर स्थिति अभी विस्फोटक नहीं है, लेकिन देश में मार्च में लागू लॉकडाउन हटाने की तरफ बढ़ने के साथ इस तरह का जोखिम बना हुआ है। डब्ल्यूएचओ के स्वास्थ्य आपात स्थिति कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक मिशेल रियान ने शुक्रवार को कहा कि भारत में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या दोगुने होने का समय इस स्तर पर करीब तीन सप्ताह है।
महामारी का रूप विस्फोटक नहीं
रियान ने जेनेवा में कहा कि भारत के विभिन्न हिस्सों में महामारी का असर अलग-अलग है और शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों के बीच इसमें अंतराल है। दक्षिण एशिया में न केवल भारत में बल्कि घनी आबादी वाले दूसरे देशों जैसे बांग्लादेश और पाकिस्तान में भी महामारी का रूप विस्फोटक नहीं हुआ है। लेकिन ऐसा होने का खतरा हमेशा बना हुआ है।
लॉकडाउन ने भारत में रोका संक्रमण की रफ्तार
रियान ने कहा कि जब महामारी पनपती है और समुदायों के बीच पैठ बना लेती है तो यह किसी भी समय अपना प्रकोप दिखा सकती है जैसा कई स्थानों पर देखा गया। उन्होंने कहा कि भारत में देशव्यापी लॉकडाउन जैसे कदमों ने संक्रमण को फैलने की रफ्तार कम रखी है लेकिन देश में गतिविधियां शुरु होने के साथ मामले बढ़ने का खतरा बना हुआ है।
गतिविधियां शुरू होने से संक्रमण का खतरा बढ़ा
रियान ने कहा कि भारत में उठाये गये कदमों का निश्चित रूप से संक्रमण फैलने की रफ्तार कम करने की दिशा में असर हुआ और अन्य बड़े देशों की तरह भारत में भी गतिविधियां शुरू होने, लोगों की आवाजाही फिर से आरंभ होने के बाद महामारी के प्रकोप दिखाने का जोखिम हमेशा बना हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत में बड़े स्तर पर पलायन, शहरों में घनी आबादी तथा श्रमिकों के पास रोजाना काम पर जाने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं होने जैसे विशिष्ट मुद्दे भी हैं।
भारत दुनिया में छठा सबसे प्रभावित देश
भारत कोविड-19 महामारी के मामले में इटली को पीछे छोड़कर दुनिया का छठा सबसे बुरी तरह प्रभावित देश बन गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार शनिवार को देश में संक्रमण के एक दिन में सर्वाधिक मामले आए जिनकी संख्या 9,887 रही, वहीं 294 लोगों की मौत हो गयी। इसके बाद देश में अब तक संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 2,36,657 हो गयी है तथा मरने वालों का आंकड़ा 6,642 पर पहुंच गया है।
भारत में संक्रमण की स्थिति बहुत अधिक नहीं
डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि 130 करोड़ से अधिक की आबादी वाले देश में कोरोना वायरस के दो लाख से अधिक मामले ज्यादा लगते हैं, लेकिन इतने बड़े देश के लिए यह संख्या अब भी बहुत अधिक नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत एक विशाल देश है जहां बहुत घनी आबादी वाले शहर हैं, वहीं कुछ ग्रामीण इलाकों में कम सघन बसावट है और इसके अतिरिक्त विभिन्न राज्यों में स्वास्थ्य प्रणालियों में भी विविधता है तथा इन सबकी वजह से कोविड-19 को नियंत्रित करने में चुनौतियां सामने आ रही हैं।
लोग सभी तरह की सावधानियां बरतें
स्वामीनाथन ने कहा कि लॉकडाउन और पाबंदियां उठने के साथ ही सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि लोग सभी तरह की सावधानियां बरतें। उन्होंने कहा कि हम बार-बार इस बात को दोहरा रहे हैं कि अगर आप बड़े स्तर पर व्यवहार में बदलाव चाहते हैं तो लोगों को इस बात के महत्व को समझना होगा कि उनसे मास्क पहनने जैसी कुछ बातों को अपनाने के लिए लगातार क्यों कहा जा रहा है।